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गर्व से कहो हम हिन्दू हैं

“हिन्दू एकता समिति” का उद्देश्य हिंदुओं के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देना, सामान्य सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों पर जोर देना है जो उन्हें एक साथ बांधते हैं। विभिन्न पहलों के माध्यम से, समिति विभिन्न हिंदू समुदायों के बीच आपसी सम्मान, समझ और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम करती है। कार्यक्रमों, चर्चाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके, यह क्षेत्रीय, भाषाई या जातिगत मतभेदों के बावजूद, हिंदुओं के बीच भाईचारे और एकजुटता के बंधन को मजबूत करना चाहता है। अंतिम लक्ष्य एक एकजुट हिंदू समाज का निर्माण करना है जो चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट हो और देश की प्रगति और विकास में सकारात्मक योगदान दे।

महत्वपूर्ण सूचना

हमारे इवेंट्स

सर्वोत्तम दान देने वाले सदस्य

भगवान दास शिवहरे

हिंदू एकता समिति के निदेशक भगवान दास शिवहरे हिंदुओं के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साझा सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने और समझौते को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ, उन्होंने उन उपायों का नेतृत्व किया है जो अन्याय को खत्म करने और सामूहिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों के माध्यम से, उन्होंने समुदायों को सशक्त करने और भाईचारे के बंधनों को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। उनके नेतृत्व में समावेशीता को महत्व दिया जाता है और समाज के सभी वर्गों से भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है। भगवान दास शिवहरे का हिन्दू एकता के प्रति समर्पण दूसरों को प्रेरित करता है कि वे हाथ मिलाएं और एक समर्थ और समृद्ध समुदाय की ओर काम करें। उनके मार्गदर्शन में, हिंदू एकता समिति हिंदुओं के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देने में एक प्रमुख बल बनी रहती है।

(संस्थापक)

हिंदू एकता समिति

श्रीमती ज्योति सिंह राजपूत

संगठन हो या परिवार नारी शक्ति अपने दायित्व को भली भांति समझती है और निभाती भी है, समाज नारी शक्ति के बिना अधूरा था है और सदैव रहेगा, हमारी "हिन्दू एकता समिति" नारी शक्ति का सम्मान करती है और जैसे आप सभी परिवार को संगठित करके अपने दायित्वों का निर्वहन करती है उसी प्रकार आप सभी हिन्दू एकता समिति को मजबूत करने के लिए तन,मन,धन से जुड़िए। जिस प्रकार महारानी लक्ष्मी बाई ने अपने सभी जिम्मेदारियों के साथ समाज में संगठित होने की और अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध देश में क्रांति फैलाई थी हम नारी शक्ति भी उन्ही के मार्ग दर्शन से संगठन को मजबूत करेंगे ऐसी हम अपने संगठन के प्रति समर्पित रहेंगे।

जय श्री राम 🙏🙏

(राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष)

हिंदू एकता समिति

बिपिन सिंह राजपूत

हिंदुओं के साथ हिंसा दुराचार की छोटी बड़ी घटनाएं रोज हो रही हैं, केवल इतना ही नहीं दारुल उल उलूम देवबंद गज़वा ए हिंद का फतवा दे रहा हैं, तौकीर रजा गृहयुद्ध की धमकी दे रहा हैं। नूंह और हल्द्वानी में खुलेआम योजनाबद्ध हिंसा हो रही है। क्या यह महज इत्तिफाक है या किसी गंभीर हिंदू विरोधी भारत विरोधी षडयंत्र का संकेत। क्या सीए ए का विरोध या समर्थन केवल वोट बैंक की राजनीति है, राहुल गांधी असीदुद्दीन ओवैसी, केजरीवाल ममता बनर्जी सीधे तौर पर भारतीय मुसलमानों को भड़का रहे हैं और हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह का बयान आया -'भारत के मुसलमान का डर कम हो रहा है इसलिए वो संघ के निकट आ रहा है'

यह निश्चित है कि देश की भाजपा विरोधी राजनैतिक दल इन लोकसभा चुनावों में निश्चित हार को देखकर इस्लाम के सहारे देश में गृहयुद्ध का प्रयास कर रहा है। इतिहास गवाह है ऐसी परिस्थिति में सदैव मुसलमानों को लाभ मिला।

आपको यह जानना आवश्यक है कि भारत के संविधान में हिंदुओं की रक्षा को कुछ नहीं है और नाही भारत की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में हिंदुओं को अपने ऊपर मजहबी हिंसा से बचने को कोई उपाय नहीं निहित है। मुस्लिम आबादी के बढ़ते दबाव अथवा वोट बैंक की राजनीति के चलते मुसलमानों को राजनैतिक संरक्षण मिलता है।

भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर चलने वाली न्याय व्यवस्थाएं में जिहादियों को सभी अवसर सहज मिलते हैं जिनसे वह जिहाद को फैला सकें और पकड़े भी जाएं तो 72 हनरों की व्यवस्था जन्नत में सुरक्षित है ही । उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में हिंदुओं की प्रताड़ना के समय हिंदू महासभा अथवा आर्य समाज (कोई शंकराचार्य या हिंदू मठ संप्रदाय नहीं ) हिंदू समाज की रक्षा करते रहे तब संघ अपने शेशव काल में था किंतु अब जब केंद्र सहित अनेक राज्यों में संघ निर्देशित भाजपा की सरकार है, तब संघ के उच्च पदाधिकारी अजीबो गरीब बयान दे रहे है। यह भीरूता जिहादी मुसलमानों को ही नहीं, दीन में यकीन करने वाले अनपढ़ जाहिल मुस्लमानों को भी हिंदुओं की हत्या करने, उनकी मां बहनों से बलात्कार करने, आगजनी करने, उनके खाने में थूकने और ना जाने क्या क्या करने को वातावरण प्रदान कर रहे हैं।

यह जिहादी ज्ञान उनको जूमें की नवाज़ के बाद होने वाली तकरीर से मिलती है, क्या सरकारें इनके जुमें के साप्ताहिक एकत्रीकरण को बंद नहीं कर सकती ? क्या इन तकरीरों की रिकॉर्डिंग की कोई व्यवस्था नहीं हो सकती ? समान नगरिक संहिता ,एनआरसी, वक्फ एक्ट प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट आदि पर केंद्र सरकार हिंदू वोट बैंक सहजने का जो नाटक कर रही है,वो हिंदुओं की जान पर भारी पड़ रहा है।

हिंदुओं और मुसलमान दोनों का प्रयोग सत्ता की सीढ़ी के लिए हो रहा है। भारत का हिंदू जिस राजनैतिक कुचक्र में फंस गया है, उससे निकलने का एक मात्र रास्ता सत्ता की छांव छोड़ कर जातिवाद से परे एक जुटता रखते हुए इस्लाम के विरुद्ध मोर्चा खोलना ही है क्योंकि भारत की संसदीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था,भारत के संविधान और भारत का कोई राजनैतिक दल भारत के हिंदुओं की रक्षा करने में अक्षम है,वह इस विषय पर बोलने को भी तैयार नहीं।

ध्यान रखो इस्लामिक साम्राज्य में आपके पूर्वजों ने हिंदू के रूप में आपको जतन कर के जीवित रखा अब अपनी संतति को सनातन हिंदू बनाए रखने की जिम्मेदारी आपकी है।

(राष्ट्रीय महासचिव)

हिंदू एकता समिति

विंध्यवासिनी सिंह

हिन्दूओं मे सबसे बड़ी समस्या है की हिन्दू सदियों से बटा हुआ है। हमारे इस कमजोरी का फायदा मुगलों से लेकर अंग्रेजो तक ने उठाया। अपने लोग ही एक दूसरे को धोखा देते आये हैं..आज भी समाज इन राजनेताओ के चक्कर में बटा हुआ है। आज हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य हिन्दूओं को एकजुट करना, उन्हें यह समझाना कि क्या अच्छा है और क्या बुरा? आज भी वह तो उनके एहसान तले दबे हैं जिनके शासनकाल में उन्हें फ्री का साइकिल, लैपटॉप और वोट के बदले पीने को शराब या पांच सौ का नोट मिलता आया है। इसमें देश की ग्रामीण, आदिवासी और कुछ असहाय जनता अधिक है, कुछ शहरी लोग भी हैं जो इससे अछूते नही हैं।। हमें आज ये सोचना होगा की हिन्दू देश, धर्म सिकुड़ता क्यों जा रहा है।

आईये एक दूसरे के सुख दुख का साथी बनें, सहारा बनें जिससे बहुत सारे हिन्दू समाज मे फैली कुरुतियों पे अंकुश लगाया जा सकता है। आप सभी लोगो का "हिन्दू एकता समिति" मे स्वागत है।

बदलाव आप और हम ही ला सकते हैं...जय हिंद, जय भारत। जय श्री राम।।

(राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष)

हिंदू एकता समिति

टीम के सदस्य

रजनीश पाण्डेय

( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष )

दीपक बुंदेला

( राष्ट्रीय प्रवक्ता )

छगन लाल करेला

( वरिष्ट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष )

हिन्दू एकता समिति

हिन्दू एकता समिति में शामिल होकर दुनियाभर में हिंदुओं को एकत्रित करें! सदस्य बनकर आप हिंदुओं के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा देते हैं। साथ में, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाएं और एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करें। आज ही हमारे साथ जुड़ें और इस परिवर्तनात्मक यात्रा का हिस्सा बनें!

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